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तेलंगाना HC ने परित्यक्त माता‑पिता के लिए समान पालन‑सभी का ऐतिहासिक निर्देश जारी

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Photo by Action Construction Equipment Ltd. - ACE via Pexels

निर्णय का पृष्ठभूमि और महत्व

तेलंगाना उच्च न्यायालय (HC) ने 28‑अगस्त‑2024 को एक ऐतिहासिक निर्देश जारी किया, जिसमें परित्यक्त (estranged) माता‑पिता को बच्चे के लिए समान पालन‑सभी (equal custody) और निरंतर संपर्क (uninterrupted access) का आदेश दिया गया। यह निर्णय तलाक या अलगाव के बाद भी बच्चे के सर्वोत्तम हित (best interests of the child) को केंद्र में रखकर पारिवारिक न्यायपालिका का एक नया मील का पत्थर साबित हुआ।

कानूनी आधार और प्रासंगिक प्रावधान

भारतीय संविधान – अनुच्छेद 21

  • जीवन‑धर्म‑स्वातंत्र्य के अधिकार के अंतर्गत बाल‑संरक्षण के सिद्धांत को समर्थन मिलता है।

बाल संरक्षण अधिनियम, 2019 (BCA)

  • Section 16 के अनुसार बच्चे के सर्वश्रेष्ठ हित को प्राथमिकता दी गई है।
  • Section 29 में पालन‑सभी के लिए समान अधिकारों का उल्लेख है।

परिवार कानून के तहत पूर्व प्रथाएँ

  • कई मामलों में एकल पालन‑सभी (sole custody) को प्राथमिकता दी जाती थी।
  • नवीनतम निर्णयों में समान पालन‑सभी को बढ़ावा दिया जा रहा है।

इस पृष्ठभूमि में, तेलंगाना HC का निर्देश कानूनी प्रावधान और सामाजिक आवश्यकता के अनुरूप है।

तेलंगाना HC का विशिष्ट निर्देश

  • दोनों माता‑पिता को समान समय (50‑50%) देना अनिवार्य किया गया।
  • अनुगमन (Monitoring) के लिए न्यायालय को नियमित रिपोर्टिंग की माँग की गई।
  • भेदभाव को समाप्त करने के लिए दोनों पक्षों के बीच निर्णय‑निर्धारण में साझा भूमिका तय की गई।
  • किसी भी परिस्थिति में बच्चे को निरंतर संपर्क से वंचित न करने का निर्देश दिया गया।

यह आदेश न केवल समान पालन‑सभी को वैधानिक रूप देता है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों को भी मजबूत करता है।

समान पालन‑सभी के प्रमुख सिद्धान्त

सिद्धान्त व्याख्या
बाल का सर्वोत्तम हित बच्चे की भावनात्मक, शैक्षिक एवं शारीरिक जरूरतों को प्राथमिकता।
समान अधिकार दोनों माता‑पिता को समान निर्णय‑निर्धारण का अधिकार।
पारदर्शिता वित्तीय दायित्व और निर्णयों का खुलासा।
गैर‑भेदभाव किसी भी पक्ष को प्राथमिकता नहीं।

ये सिद्धान्त तेलंगाना HC के निर्देश को कानूनी मजबूती और सामाजिक समानता की दिशा में एक ठोस कदम बनाते हैं।

व्यावहारिक कार्यान्वयन – चरण‑दर‑चरण मार्गदर्शक

  1. समय सारिणी (Time Sheet) तैयार करें

    • सप्ताहिक या मासिक रूप से बच्चे के साथ बिताए जाने वाले दिनों का विवरण।
    • छुट्टियों और विशेष कार्यक्रमों को शामिल करें।
  2. संचार चैनल तय करें

    • फोन, वीडियो कॉल, व्यक्तिगत मुलाकात के लिए स्पष्ट नियम।
    • आपात स्थितियों में तुरंत संपर्क के लिए आपातकालीन नंबर।
  3. साझा निर्णय‑निर्धारण ढांचा

    • शिक्षा, स्वास्थ्य, धार्मिक पालन‑सभी पर सहमति से निर्णय लें।
    • निर्णय‑निर्माण के लिए एक साझा दस्तावेज (जैसे गूगल डॉक्स) बनाएं।
  4. वित्तीय योजना

    • बच्चे के खर्च के लिए संयुक्त बैंक खाता खोलें।
    • हर महीने की आय-व्यय रिपोर्ट न्यायालय को प्रस्तुत करें।
  5. निरंतर समीक्षा

    • हर तीन महीने में पालन‑सभी व्यवस्था का मूल्यांकन करें।
    • बच्चे के भावनात्मक और शैक्षिक स्थिति के अनुसार समायोजन करें।

इन चरणों को अपनाने से तेलंगाना HC के निर्देशों का प्रभावी रूप से कार्यान्वयन सुनिश्चित होता है।

बच्चे के हित पर सकारात्मक प्रभाव

  • संबंधों की स्थिरता: समान पालन‑सभी से बच्चे का दोनों माता‑पिता के साथ भावनात्मक बंधन मजबूत होता है।
  • मानसिक स्वास्थ्य: अध्ययन दर्शाते हैं कि समान पालन‑सभी वाले बच्चे कम तनाव और बेहतर आत्म‑सम्मान महसूस करते हैं।
  • शैक्षणिक सफलता: दोनों माता‑पिता के समान योगदान से बच्चे के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार होता है।

ये लाभ तेलंगाना HC के निर्देश को सामाजिक प्रगतिशीलता का प्रतीक बनाते हैं।

भविष्य में नीतिगत दिशा-निर्देश

  • समान पालन‑सभी को राष्ट्रीय स्तर पर मानकीकृत करना।
  • सर्वश्रेष्ठ हित के आधार पर एक राष्ट्रीय बाल संरक्षण कोड तैयार करना।
  • न्यायालयों के लिए मॉडल प्रोटोकॉल और प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी करना।

इस दिशा में तेलंगाना HC का निर्णय उदाहरण के रूप में कार्य करेगा।

मुख्य निष्कर्ष और शैक्षिक संदेश

  1. समान पालन‑सभी बच्चे के समग्र विकास के लिए अनिवार्य है।
  2. न्यायालय के निर्देशों का पालन करके विभेदभाव और निराशा से बचा जा सकता है।
  3. माता‑पिता को संचार और सहयोग की संस्कृति अपनानी चाहिए।
  4. कानूनी संरचना को मजबूत करने से परिवार के भीतर समानता और समान अधिकार सुनिश्चित होते हैं।

तेलंगाना HC का यह निर्णय न केवल तेलंगाना के परिवारों के लिए मार्गदर्शक है, बल्कि देशभर के परिवारों के लिए भी एक सकारात्मक मिसाल है।

References

Note: Information from this post can have inaccuracy or mistakes.

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